हर तस्वीर कुछ कहती है

किसी कलाकार की कला बनती है
किसी ख्वाब को कला बनाती है
कभी बीते हुए लम्हों को
तो कभी आने वाले पल दिखलाती है
हर तस्वीर कुछ कहती है

समय के सफ़र में
जो अपने छूट गए पीछे
आगे किसी राह पर गर न मिल सके
उनकी यादों को संभाले रखती है
हर तस्वीर कुछ कहती है

कभी खुशियों के दिन , कभी ग़मों की रात
कुछ सुहाने पल , कुछ अनछुई बात
जीवन के आरम्भ से ,जीवन के अंत तक
हर पल को संजोती है
हर तस्वीर कुछ कहती है

कभी किसी का गीत ,कभी किसी की बोली
कभी किसी की प्रीत ,कभी किसी की हमजोली
कभी बेरंग जिंदगी में रंग भर देती है
हर तस्वीर कुछ कहती है ।

हर तस्वीर कुछ कहती है

One thought on “हर तस्वीर कुछ कहती है

  1. सही कहा….. तस्वीर बोलती है पर निःशब्द रहती है।
    मैंने भी तस्वीर पर कुछ पंक्तियाँ लिखी थी कुछ वक्त पहले……

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